कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के साथ ग्वार की कीमतों में बढ़ोतरी हो रही है। क्रूड ऑयल की कीमत धीरे-धीरे बढ़ रही है यह ग्वार गम की मांग में वृद्धि के लिए एक अच्छा संकेत है। ब्रेंट क्रूड ऑयल 64 अमरीकी डालर प्रति बैरल के स्तर को पार कर गया है। कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के साथ नई ड्रिलिंग गतिविधियों में भी वृद्धि की उम्मीद है। ग्वार गम की प्रमुख मांग अमेरिका और अन्य नए तेल की उत्पादन वाले देशों से बढ़ने की उम्मीद है।
ग्वार की कीमत पाकिस्तान में भी बढ़ रही है। ग्वार बीज का इस साल उत्पादन भारत और पाकिस्तान दोनों देशों में कम है। कुछ व्यापारियों को 2012 की तरह ग्वार कीमतों में तेजी की उम्मीद है। बाजार जानकारी के अनुसार 5000 रूपए प्रति क्विंटल का स्तर पार करना बहुत मुश्किल होगा। ग्वार की नयी फसल दस महीने बाद अक्टूबर के अंत तक आएगी। तब तक ईसी साल के स्टॉक से काम चलना पड़ेगा। बढ़ती कीमतों साथ और किसान व स्टॉकिस्ट अधिक मार्जिन के लिए माल को पकड़े रखने की कोशिश करेंगे।
बाजार की जानकारी के अनुसार इस साल 70,00,000 -75,00,000 बोरी (100 किग्रा प्रति बोरी ) के उत्पादन का अनुमान हैं। इस वर्ष नए फसल का व्यापर 3200/100 किग्रा के स्तर से शुरू हुआ था। धीरे धीरे स्थानीय बाजार में 4100/100 किलोग्राम के स्तर तक पहुंच गया है, इस प्रकार ग्वार ने अभी तक 25% से अधिक का रिटर्न दे दिया है। यदि यह 4500/100 किलोग्राम के स्तर तक पहुंच जाता है तो ग्वार 40% तक रिटर्न हो जायेगा ।
ग्वार गम की कीमतें भी ग्वार की कीमतों के साथ बढ़ रही हैं। नई फसल के लिए आगमन के समय करीब ग्वार गम 7900/100 किग्रा के आसपास कारोबार कर रहा था, अब यह 9000 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर तक पहुंच चुका है, हालांकि ग्वार गम की कीमते ग्वार की नयी फसल आने के बाद ग्वार की कीमतों के साथ साथ बढ़ रही है लेकिन निर्यात की बढती मांग से कीमतों को ज्यादा मजबूती मिली है । इस साल ग्वार गम की कीमत 12000 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर को छू सकती है।
बेहतर कीमतों के लिए किसान 2-3 महीने तक इंतजार कर सकते हैं। जैसे ही मौजूदा स्टॉक बाजार में समायोजित होगा और बाजार में ग्वार बीज की मांग बढ़ जाएगी। इस समय सभी मुख्य कारक ग्वार की कीमतों के लिए सकारात्मक हैं। एक बार जब यह 4500 के स्तर को पार करेगा तो नए निवेशक ग्वार में निवेश करेंगे और बाज़ार से नए शिरे से ग्वार की ग्वार की मांग बढ़ेगी । गवार फसल का ज्यादातर उत्पादन बरसात के क्षेत्र/ बरानी क्षेत्र में होता है । ग्वार फसल का अच्छा उत्पादन यहां कि वर्षा पर निर्भर करता है। ग्वार के उत्पादन क्षेत्र में इस साल वर्षा पैटर्न खराब था।
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