ग्वार में कमजोर आवक व फेक्ट्रियों
की लिवाली के कारण तेज़ी बनी हुयी है । पिछले दो दिनों के बढे हुए ग्वार व ग्वार गम के भावों में आज
भी स्थिरता बनी रही । स्थानीय बाज़ारों में ग्वार की आवक 17000 -18000
बोरी प्रतिदिन की बनी हुयी है । ग्वार गम पाउडर बनाने
वाली इकाईयां ग्वार व ग्वार गम दोनों खरीद रही
है । कम उत्पादन को देखते अगर ये मौका निकल गया तो ग्वार गम पाउडर निर्यात
करने के लिए ग्वार ऊँचें
दामों पर खरीदना पड़ेगा ।
भारत से ग्वार, ग्वार गम स्प्लिट, ग्वार गम पाउडर, ग्वार चुरी, ग्वार कोरमा के रूप में
एक्सपोर्ट होता है । ये बासमती चावल के बाद एक्सपोर्ट होने वाला दूसरा सबसे बड़ा
कृषि उत्पाद है । ग्वार गम
स्प्लिट को चीन व यूरोपीय देशों में फिर से प्रोसेसिंग कर के विश्व के अन्य
देशों में एक्सपोर्ट किया जाता है । ग्वार गम पाउडर विश्व के
कई देशों में औद्योगिक उपयोग के लिए एक्सपोर्ट किया जाता है । तेल व प्राकृत गैस
के अलावा ग्वार गम पाउडर
भारी मात्र में फ़ूड, फार्मा,
टेक्सटाइल, प्रिंटिंग, पेपर उद्योग में काम में लिया जाता है ।
जनवरी 2017 से नवम्बर -2017 तक भारत ने 2588.34
करोड़ रूपया का 3,21,570 MT ग्वार एक्सपोर्ट कर दिया है
। इस साल के नवम्बर तक का एक्सपोर्ट पिछले साल नवम्बर तक से 40% से ज्यादा एक्सपोर्ट
हुआ है । अन्तराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों का सीधा असर ग्वार के भावों पर निर्भर
करता है ।
बाज़ार के जानकारों के मुताबिक अभी के हालत में ग्वार के लिए रुपये 5000/
क्विंटल के स्तर को पार करना मुश्लिल होगा । लेकिन क्रूड आयल की कीमतों में उछाल
ज्यादा आता है तो ग्वार का
भाव 5000 का स्तर ज्यादा नहीं है । क्रूड आयल कीमते अभी 70 डॉलर / बैरल पर चल
रही है । जो की अपने 3 साल के उच्चतम स्तर के ऊपर है । पारम्परिक तेल उत्पाद ओपेक
देश व रूस अपने तेल उत्पादन में मार्च 2018 तक कटोती करने का फैसला लिया है । अमेरिका
में बढे हुयी तेल की कीमते एक मजबूत अर्थव्यवस्था व व्यावसायिक गतिविधियों में
तेज़ी का संकेत है ।
Guar Gum Farming Guar gum cultivation |
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