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ग्वार गम की अंतराष्ट्रीय मांग बनी रहेगी, तेज़ी सप्लाई पर निर्भर करेगी ।

क्रूड आयल की कीमतों में प्रति दिन बढ़ोतरी हो रही है जिससे लगता है कि अमेरिका में तेल खुदाई का  कम जारी रहेगा ।  तेल की लगातार खुदाई के कारण ग्वार गम की मांग बनी रहेगी । अमेरिकी तेल उत्पादक कम्पनियाँ पुरे सामर्थ्य से तेल की खुदाई में लगी हुयी है । बड़ी तेल उत्पादक कंपनिया तेल उत्पादक क्षेत्र में महंगे दाम पर छोटी कंपनियों से खरीद रही है । वर्ष 2015 में अमेरिका ने तेल के निर्यात पर से भी स्वघोषित रोक हटा ली थी ।




तेल की खुदाई करने वाली कंपनिया भी अपनी तकनीक को अपग्रेड कर रही है,  ताकि तेल उत्पादन जल्दी से जल्दी शुरू किया जा सके । बढती तेल की कीमतों के कारन अन्य देश भी नयी तकनीक  से अपने यंहा तेल की खुदाई करेंगे फ्रेकिंग तकनीक तेल उत्पादन में क्रन्तिकारी तकनिक के रूप में उभरी है । इस तकनिक से तेल की खुदाई में कम समय लगता है तथा पुराने कुओ को  वापस चालू करने में भी उपयोगी सिद्ध हुयी है । .वर्ष 2014 में तेल 100डॉलर प्रति बैरल के ऊपर था ।

स्थानीय ग्वार गम उद्योग भी तेल की गिरी हुईं कीमतों से घाटे में चल रहा था । बहुत सारी ग्वार की फक्ट्रियां बंद पड़ी है । ये सभी फक्ट्रियां धीरे धीरे खुलेंगी ।. अभी फैक्ट्री के मालिक इंतजार कर रहे है । फैक्ट्री खुलने के साथ मांग ग्वार की मांग बढ़ेगी ।




दूसरी तरफ चूरी कोरमा के भाव भी अच्छे चल रहे है । कोरमा के भाव रुपये 2600-2700 प्रति क्विंटल के आस पास चल रहे है । ग्वार की आवक भी स्थानीय बाज़ारों में 20,000 बोरी प्रतिदिन से नीचे चल रही है । इस वर्ष ग्वार  का उत्पादन भी कम है तथा  नयी फसल 9 महीने बाद आएगी । 

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