पिछला सप्ताह ग्वार व ग्वार की कीमतों के हिसाब से काफी तेजी वाला व उतार चढ़ाव वाला रहा । इस दौरान ग्वार व ग्वार की ग्वार गम की कीमतों ने 3 साल के उच्चतम स्तर को पार लिया । आखिरी के 2 दिनों में सट्टेबाजी तथा NCDEX में कीमतों के गिरने के कारण कीमते उछाल के बाद वापस नीचे आगइ । ग्वार का फंडामेंटल इस साल कम उत्पादन के कारण शुरू से ही मजबूत था । इस साल बारिश एक सामान व अच्छी तरह से हुई । ग्वार के उत्पादन का अधिकतम क्षेत्र बरानी है । इस साल सिंचित क्षेत्र में ग्वार की खेती बहुत ही सिमित थी । कुल मिलाकर इस साल ग्वार का अनुमानित उत्पादन पिछले सालों के तुलना में बहुत ही कम है। बाजार के जानकारों के अनुसार वर्ष 2017-18 में ग्वार का उत्पादन 70,00,000 से 75,00,000 बोरी के करीब हुआ है। पिछली बार की कम कीमतों के कारण ग्वार की आवक शुरू से ही सामान्य थी, क्योंकि किसानों का ग्वार को रोकने का कोई मन नहीं था । उस समय ग्वार की विदेशों में निर्यात मांग बढ़ने के बारे में कोई सूचना नहीं थी । ग्वार की आवक के समय अक्टूबर – नवंबर - दिसंबर में ग्वार की कीमतें स्थिर थी मुख्य आवक का समय होने के कारण ग्वार की कीमतों में ज्यादा वृद्धि नहीं देखी गयी ।
लेकिन जनवरी के शुरुवाती दिनों में बाजार में एपीडा के द्वारा जारी निर्यात के आंकड़े बाज़ार में आगये । इन आंकड़ों के अनुसार इस साल के दौरान ग्वार गम के निर्यात में 42% की बढ़ोतरी हुई है । इस साल अप्रेल से नवम्बर में ग्वार गम का कुल निर्यात 3,60,570 मेट्रिक टन हुआ है पिछले साल इसी समय ग्वार गम का कुल निर्यात मात्र 2,26,431 मेट्रिक टन का हुआ था । ग्वार व ग्वार गम की कीमतों को बाजार में जारी इन आकड़ो से कुछ मजबूती मिली ।
इस साल ग्वार की आवक के दौरान क्रूड ऑयल की कीमतों में धीरे-धीरे बढ़ोतरी हो रही थी । यह कहीं ना कहीं यह भविष्य में गवार गम की अच्छी मांग का एक संकेत थी । ग्वार की कीमतों के पीछे क्रूड आयल की कीमते एक महत्वपूर्ण फंडामेंटल कारक है । ग्वार उत्पादन के आरंभिक अनुमानित आंकड़ों के बाद क्रूड ऑयल की बढती कीमतें ग्वार व ग्वार गम की कीमतों के लिए एक उत्प्रेरक का कार्य करती है ।
ग्वार के आवक के समय के दौरान क्रूड आयल की कीमते धीरे धीर बढ़ जरुर रही थी लेकिन ये 50 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल से ज्यादा दूर नहीं जा रही थी । विश्व के अस्थिर राजनैतिक वातावरण व OPEC देशो द्वारा तेल उत्पादन में कमी के कारण कीमते से ऊपर चढ़ रही थी । बाज़ार में धीर धीर बढ़ रही कीमतों से ग्वार को ज्यादा मजबूती नहीं मिल रही थी ।
लेकिन जब कच्चे तेल की कीमतें 70 अमेरकी डॉलर प्रति बैरल की तरफ जाने लगी तो क्रूड आयल की कीमतों ने अमेरिकी सरकार का ध्यान आकर्षित करना शुरू कर दिया । पिछले से पिछले सप्ताह के अंत में एक बहुत ही महत्वपूर्ण समाचार अमेरिका से आया कि, तेल की बढती कीमतों के कारण अमेरिका अपने तेल उत्पादन के सभी क्षेत्रों को खुदाई के लिए खोल रहा है । यह समाचार पूरी ग्वार गम इंडस्ट्री के लिए अप्रत्यासित समाचार था क्योंकि तेल और प्राकृतिक गैस इंडस्ट्री द्वारा नए तेल के कुए की खुदाई के लिए ग्वार गम की आवश्यकता होगी तथा इससे ग्वार गम के निर्यात की मांग बढ़ेगी । ग्वार गम तेल के कुए खुदाई करने में एक महत्वपूर्ण ड्रिलिंग केमिकल है । बढती तेल की कीमतों के कारण अमेरिका में तेल के कुओं की खुदाई करने वाली कंपनियों के शेयर में चढ़ गए हैं । पिछले 1 महीने से तेल और प्राकृतिक गैस इंडस्ट्री निवेशकों को आकर्षित कर रही है ।
तेल के नए को की खुदाई करने के समाचार के साथ ग्वार और ग्वार के भाव तजी सुधरने लग गये । ग्वार स्थानीय बाजारों में ₹ 4400 प्रति क्विंटल के आसपास बिकने लग गया तथा ग्वार गम ₹ 9600 प्रति क्विंटल के आसपास स्थानीय बाजार में बोला जाने लग गया । लेकिन साथ साथ में बाज़ार में सटोरिये सक्रिय हो गए तथा सप्ताह के आखिर में बिकवाली के दबाव में ग्वार गम के भाव ₹500 प्रति क्विंटल तक टूट गए एक समय ग्वार गम की कीमतें नीचे के स्तर ₹9200 प्रति क्विंटल के आसपास तक गिर गये । लेकिन शुक्रवार शाम को स्थानीय बाजारों में थोड़ी बहुत बढ़ोतरी देखने को मिली । मुख्या ग्वार की कीमतें इस दबाव में भी स्थिर व मजबूत बनी हुयी है । स्थानीय बाजारों में आवक घटने के कारण में ग्वार की कीमतें नहीं गिरी वंही ग्वार गम लगातार दो दिन नीचे की तरफ गिरता रहा ।
उत्तरी ग्लोब में भयंकर ठंड भी, ग्वार की कीमतों को मजबूती देने के लिए अन्य महत्वपूर्ण कारक है, क्योंकि इन देशों को गर्म व चलता फिरता रखने के लिए में प्राकृतिक गैस और जलाने के तेल की बहुत ज्यादा आवश्यकता है । जिससे कच्चे तेल की कीमतों में तेज़ी से वृद्धि हुयी ।
मजबूत फंडामेंटल कारकों के कारण अभी किसान व व्यापारी ग्वार की मजबूती के प्रति आश्वस्त है । स्थानीय स्तर पर ग्वार का स्टोक होना शुरू हो गया है आने वाले दिनों में ग्वार की आवक स्थानीय बाजारों में और भी कम हो जाएगी । कमजोर आवक के कारण ग्वार की कीमतों में और मजबूती होगी ।
दूसरी तरफ ग्वार चुरी कोरमा बहुत ही मजबूत स्थिति में है । स्थानीय बाजारों में यह 2700 रुपए प्रति क्विंटल के मजबूत भाव से बिक रहा है । विदेशों में रोस्टेड कोरमा का लगातार निर्यात हो रहा है । इस समय सभी फंडामेंटल कारक ग्वार के पक्ष में है । नया ग्वार अक्टूबर 2018 के बाद आएगा । आने वाले मानसून तक ग्वार की कीमतें धीरे-धीरे बढ़ती रहेगी । लेकिन कोई भी इस बात की आशा न रखें कि एक-दो दिन में ही ग्वार की कीमतें ऊंचाई पर पहुंच जाएगी अगर ऐसा होता भी है तो ऐसी कीमतें अस्थिर व ऊपर नीचे होने वाली होगी है । किसानों को अपना माल धीरे-धीरे अपनी आवश्यकता के अनुसार बेचना चाहिए ।
इस बीच में केवल एक कारण है जो ग्वार की कीमतों पर दबाव डाल सकता है; अगर OPEC देश अपने कच्चे तेल का उत्पादन बढाना शुरू कर दें ताकि अमेरिकी तेल व प्राकृतिक गैस इंडस्ट्री को कम मुनाफे के कारन नया निवेश न मिले । तेल की कीमते वापस 50 अमेरिकी डॉलर की तरफ मुड़ती है तो ग्वार गम इंडस्ट्री के लिए चिंता का विषय होगा ।
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