निर्यात की मांग बढने से ग्वार व ग्वार गम की कीमतों में तेज़ी बन सकती है l अगर अलग अलग ग्वार के उत्पाद के निर्यात के आंकड़ो को देखे तो अनुमान लगा जा सकत है की ग्वार निर्यात में आगे भी बढ़ोतरी जारी रहेगी l APEDA द्वार जारी आंकड़ो के अनुसार, प्रैल-2018 से दिसम्बर-2018 तक के आकड़ों के अनुसार ग्वार चुरी कोरमा का निर्यात 1,16,885 मेट्रिक टन के आस पास हुआ है, ग्वार गम रिफाइंड स्प्लिट या दाल का निर्यात 54987 मीट्रिक टन के आस पास हुआ है. ग्वार गम पाउडर का निर्यात 2,02,181 मीट्रिक टोंन के आस पास हुआ है l अभी तक प्राप्त डाट डाटा के अनुसार ग्वार के निर्यात के आंकड़े पोजिटीव आ रहे है पिछले वर्ष ग्वार के उत्पाद का कुल निर्यात 4,49,100 मीट्रिक टन हुआ था l इस वर्ष अप्रैल से दिसम्बर 2018 तक ग्वार के उत्पाद का कुल निर्यात 3,74,054 मीट्रिक टन हुआ है l
पिछले सप्ताह NCDEX पर ग्वार के भाव 19 मार्च के सौदे के लिए 4,216 रूपए प्रति क्विंटल, BSE पर 29 मार्च के सौदे के लिए ग्वार के भाव 4,255 रूपए प्रति क्विंटल, NCDEX पर स्पॉट के भाव 4250 रूपए प्रति क्विटल l इसी तरह NCDEX पर ग्वार गम के भाव 19 मार्च के सौदे के लिए 8371 रूपए प्रति क्विंटल, BSE पर 29 मार्च के सौदे के लिए ग्वार के भाव 8438 रूपए प्रति क्विंटल, NCDEX पर स्पॉट के भाव 8441 रूपए प्रति क्विटल के आस पास चल रहे हैl स्थानीय मंडियों में ग्वार के भाव 4300 रूपए प्रति क्विटल व ग्वार गम के भाव 8500 रूपए प्रति क्विंटल के आस पास चल रहे है l
ग्वार व ग्वार गम की कीमतों में निर्यात बढने से में तेज़ी बन सकती है l |
उधर अमेरिका में कच्चे तेल का उत्पादन 12 मिलियन बैरल प्रति दिन से ऊपर पहुँच गया है l इस वर्ष कच्चे तेल का उत्पादन अमेरिका में अनुमान से ज्यादा तेज गति से बढ़ रह है l एक अनुमान के मुताबिक इस वर्ष के अंत तक अमेरिका में कच्चे तेल का उत्पादन 13.5 मिलियन प्रति बैरल तक पहुँच जायेगा l कच्चे तेल के भावों में भी वृद्धि हो रही है l ओपेक ने कच्चे तेल की अन्त राष्ट्रीय बाज़ार में उपलब्धता में भी कटोती कर दी, जिससे कच्चे तेल के भावो में और वृद्धि हो रही है l कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि होने व कच्चे तेल के उत्पादन बढ़ने से ग्वार की कीमतों को आगे भी फंडामेंटल सहारा मिलेगा l बैकर हुज की रिग काउंट के 23 फ़रवरी 2019 तक के डाटा के अनुसार अमेरिका में सक्रिय आयल ड्रिलिंग रिग की संख्या 1047 है जो की पिछले साल से 69 ज्यादा है l
ग्वार की कीमतों को निर्धारित करने वाले सबसे बड़ा करक खरीफ की फसल से पहले मौषम का अनुमान l हांलाकि अभी तक तो कोई आधिकारिक सुचना नहीं मिली है, फिर भी अंतराष्ट्रीय मौषम संस्था के अनुसार इस वर्ष मानसून पर अल नीनो के प्रभाव के कारण वर्षा कम हो सकती है l अगर कम वर्षा का अनुमान रहता है तो अनुमान के विपरीत ग्वार की बुवाई बढ़ेगी l वैसे देखा जाये तो अभी ग्वार के भावों में तेज़ी से ज्यादा स्थिरता बहुत जरुरी है l इस सप्ताह ग्वार के भावों में नीचे के स्तर पर सुधार मिल सकता है l BSE पर व्यापार बढ़ने से ग्वार के भावों में और भी ज्यादा स्थिरता आ सकती है व भाव 4300-4400 के बीच स्थिर हो सकते है l
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