MCX पर ग्वार का व्यापर बंद होने के 5-6 साल बाद ग्वार सीड व ग्वार गम को वायदा व्यापार के लिए दूसरा प्लेटफार्म मिल गया है, पिछले महीने बीएसई (बोम्बे स्टॉक एक्सचेंज) को SEBI से ग्वार के वायदा व्यापार की मंजूर मिली थी. Sebi ने ग्वार सीड व ग्वार गम के 10 MT के सौदों के ट्रेडिंग की मंजूरी दे दी थी. कल 6 जनवरी को बीएसई (बोम्बे स्टॉक एक्सचेंज) ने इस सौदो के व्यापार की जयपुर में विधिवत रूप से शुरुवात करदी . इस अवसर पर बीएसई (बोम्बे स्टॉक एक्सचेंज) के मैनेजिंग डायरेक्टर आशीष कुमार चौहान ने कहा की भारत में कृषि जिंसो का वायदा व्यापार अभी शुरवाती दौर में है इसमे विकाश की अपार संभावना है. बीएसई (बोम्बे स्टॉक एक्सचेंज) इन दोनों सौदों की शुरुवात अभी 10 मीट्रिक टन के लोट साईज से की गयी है BSE पर ये सौदे फ़रवरी से दिसम्बर महिने तक के होंगे. NCDEX के व्यापार का मुख्य हिस्सा ग्वार के वायदा व्यापार से आता है अब बीएसई (बोम्बे स्टॉक एक्सचेंज) अपने एग्री कमोडिटी के व्यापार की शुरुवात ग्वार से ही शुरू कर रहा है ग्वार का 85 % उत्पादन राजस्थान में ही होता है इसी लिए बीएसई (बोम्बे स्टॉक एक्सचेंज) ने अपनी पहली कमोडिटी की लिस्टिंग राजस्थान की राजधानी जयपुर में की हैl
व्यापार के हिसाब से कल का दिन ग्वार के लिए अच्छा नहीं रहा, बीएसई (बोम्बे स्टॉक एक्सचेंज) पर वायदा व्यापार की लिस्टिंग के दिन ही वायदा बाज़ार में दोपहर के बाद lower सर्किट लग गए. कल सुबह सुबह बीएसई (बोम्बे स्टॉक एक्सचेंज) पर वायदा सौदों की लिस्टिंग के पहले काफी उत्साह था लेकिंन लोअर सर्किट लगने के बाद पूरा दिन मायूशी में रहाl. एग्री कमोडिटी का व्यापार हमेशा से ही क्वालिटी व डिलीवरी के कारण विवादों से भरा रहा है . जिससे निवेशकों व किसानो का भरोसा वायदा व्यापार में ज्यादा नहीं है . अगर किसी योजना व प्रबंधन के तहत बीएसई (बोम्बे स्टॉक एक्सचेंज) व्यापारी, निवेशक व किसानो का भरोसा मजबूत करने में सफल होता है तो एग्री कमोडिटी वायदा व्यापार के लिए भविष्य में एक मील का पत्थर साबित होगा.
ग्वार सीड व ग्वार गम का वायदा व्यापार बीएसई (बोम्बे स्टॉक एक्सचेंज) पर शुरू. |
ग्वार का नया उत्पादन अब 10 महिने बाद आएगा, तब तक नया उत्पादन बाज़ार में नहीं आएगा. बाज़ार में कीमतों की चाल ग्वार के निर्यात पर निर्भर करेगा. वैसे कुल निर्यात के आंकड़े अभी तक बढ़ कर आ रहे है लेकिन ग्वार गम पाउडर व ग्वार गम स्प्लिट दोनो को मिला करके का निर्यात के आंकड़े ज्यादा आना बहुत जरुरी है, apeda द्वार जारी आंकड़ो के अनुसार नवम्बर महीने तक ग्वार गम पाउडर के निर्यात में कमी देखी गयी है . अगर निर्यात में कमी जारी रहती है तो इस वर्ष ग्वार की कीमतों में विशेष तेज़ी देखने को नहीं मिल्केगी . बाज़ार के जानकारों से प्राप्त जानकारी के अनुसार दिसम्बर जनवरी महीने में ग्वार का निर्यात ज्यादा हुआ है.
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