पिछले सप्ताह बीएसई (बोम्बे स्टॉक एक्सचेंज) को सेबी (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) से ग्वार सीड व ग्वार गम के 10 मीट्रिक टन सौदे के वायदा व्यापार के लिए मंजूरी मिल गयी है । इसके साथ ही बीएसई (बोम्बे स्टॉक एक्सचेंज) एक यूनिवर्सल स्टॉक एक्सचेंज हो जाएगा, जिस पर सभी प्रकार की परिसम्पति उत्पादों (शेयर, म्यूच्यूअल फण्ड, मुद्रा, धातु, कमोडिटी ) का व्यापार होता हो । इसके साथ ही ग्वार सीड व ग्वार गम का वायदा व्यापार दो वायदा बाज़ारों में शुरू हो जायेगा। ग्वार सीड व ग्वार गम का वायदा व्यापार अभी एनसीडीएक्स (NCDEX ) पर ही होता है। इससे पहले ग्वार सीड व ग्वार गम का वायदा व्यापार एनसीडीएक्स (NCDEX) के अलावा एमसीएक्स (MCX) पर होता था लेकिन वर्ष 2013 से ग्वार का व्यापार बंद है।
वैसे तो अभी एनसीडीएक्स (NCDEX) सेबी (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) के दिशा निर्देश में ही ट्रेड करता है लेकिन बीएसई (बोम्बे स्टॉक एक्सचेंज) के प्रवेश के साथ ग्वार के व्यापार में और भी पारदर्शिता व मजबूती आएगी । बीएसई (बोम्बे स्टॉक एक्सचेंज) ने वायदा व्यापार के सफल संचालन के लिए कई प्रतिष्ठित व्यापारिक संस्थान, वेयर हाउस कंपनी, परिवहन कंपनियों से समझौते किए है ।
क्या ग्वार व ग्वार गम के भावों में, बीएसई पर ग्वार के वायदा व्यापार की मंजूरी से तेज़ी आएगी ? |
पिछले सप्ताह के अंत में जनवरी-2019 माह के वायदा सौदे के निस्तारण के कारण बिकवाली के दबाब में ग्वार के भावों में कमी आ गई थी। अत्यधिक सट्टेबाज़ी के चलते बाज़ार में निचले भावों पर खरीदारी करके ऊँचे भावों पर मुनाफा वसूली का दौर पिछले 3-4 महीनों से चल रह है । स्थानीय बाज़ारों में ग्वार की घटती आवक के साथ ग्वार के भावों को नीचे की तरफ स्थिरता मिल सकती है । कीमतों का रुख दिसम्बर व जनवरी माह के निर्यात के आंकड़ों पर निर्भर करेगा । अगर आंकड़े पिछले वर्ष से बढ़ कर आते है तो अक्तूबर 2019 तक ग्वार के भावों में तेज़ी बनी रहेगी, नहीं तो ग्वार के उत्पादों पर फ़रवरी महीने से बिकवाली का दबाब बनेगा । नवम्बर दिसम्बर जनवरी में ग्वार के उत्पादन के बाज़ार में आने का समय होता है। आवक के समय पर कृषि जिंसों की कीमतों में दबाव बना रहता है । जनवरी अंत तक ग्वार की मुख्य आवक लगभग समाप्त हो जाएगी ।
अन्तराष्ट्रीय बाज़ारों में कच्चे तेल की कीमतों में तेज़ी आ रही है, जिसका आने वाले दिनों में ग्वार के भावों पर असर पड़ सकता है । कच्चे तेल की कीमतों में पिछले 30 दिनों में 20-25 % तक बढ़ोतरी हो गयी है । बढते क्रूड आयल की कीमतों से अमेरिका में फ्रेकिंग तकनीक से कच्चे तेल का उत्पादन बढ सकता है, जिससे ग्वार गम के निर्यात में तेज़ी आ सकती है । बेकर-हुज कंपनी की सक्रिय आयल रिग की गिनती के अनुसार पिछले सप्ताह १८ जनवरी तक अमेरिका में 1050 आयल रिग सक्रिय है जो की पिछले वर्ष से 114 आयल रिग ज्यादा है ।
ग्वार की कीमतों ने अपना स्तर 4200 से 4800 के बीच बना रखा है । गिरते भावों पर नीचे के स्तर पर खरीददारी व चढते भावों पर 4500-4600 के स्तर पर मुनाफा वसूली के ट्रेंड के कारण एनसीडीएक्स (NCDEX) में ग्वार की कीमतों में उतार चढ़ाव बना रहता है । एनसीडीएक्स (NCDEX) पर 12,37,200 MT ग्वार सीड व 3,83,850 MT ग्वार गम के चालू सौदों पर व्यापार हो रहा है । ग्वार का प्रयोग आयल व गैस उद्योग के अलावा खाद्य पदार्थों के निर्माण व प्रसंस्करण में भी होता है ।
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