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ग्वार गम व अन्य ग्वार उत्पाद के कुल निर्यात में 2018-2019 में 14.27% के बढ़ोतरी

कृषि मंत्रालय व एपेडा द्वारा जारी आंकड़ो के अनुसार पिछले वित् वर्ष अप्रैल-2018 – मार्च-2019 तक ग्वार उत्पादों का कुल निर्यात 5,13,218 मेट्रिक टन हुआ है l जो की पिछले वर्ष के ग्वार उत्पादों के कुल निर्यात से 64,093 MT ज्यादा है l पिछले वर्ष कुल 4,49,125 MT ग्वार उत्पादों का निर्यात हुआ था l ग्वार उत्पादों के निर्यात में 14.27 % की बढोतरी होना भारतीय ग्वार उत्पादक किसानों व ग्वार गम प्रोसेसिंग उद्योगों के लिए एक सकारात्मक समाचार है l इस वर्ष ग्वार निर्यात से देश को 675 मिलियन डॉलर या 4707 करोड़ रूपए के बराबर की विदेशी मुद्रा मिली है l


बासमती चावल, साधारण चावल, मांस के बाद ग्वार निर्यात होने वाला तीसरा सबसे बड़ा कृषि उत्पाद है l बाकि कृषि उत्पाद देश के संसाधनों जैसे पानी, बिजली, जमीन उर्वरक का दोहन करते है, उनको सरकारी सहायत व ऋण मिलता है, न्यूनतम समर्थन मूल्य से सरक्षित है l इन सब के विपरीत ग्वार शुष्क क्षेत्र व वर्षा आधारित कृषि उत्पाद है l जो न तो प्राकृतिक संसाधनों का दोहन करता न ही किसी विशेष सरकारी अनुदान या सहायता पर आधारित है l 


ग्वार भारत से निर्यात होने वाला एक महतवपूर्ण कृषि उत्पाद के रूप में उभरा है l लेकिन वायदा बाज़ार के उतर चढाव व बाजारों की सट्टेबाजी के कारण ग्वार के निर्यात का फायदा किसानों तक नहीं पहुँच पाता l प्राप्त आंकड़ों के अनुसार ग्वार का निर्यात 1315 डॉलर प्रति मेट्रिक टन या 91 रूपए प्रति किलो के भाव पर हो रह है l जबकि किसान को पिछले वर्ष ( चालू उत्पादन वर्ष में ) ग्वार का औसत भाव 40 - 43 रूपए प्रति किलो से ज्यादा नहीं मिल रह है l 

उड़ीसा में मानसून पूर्व फेनी तूफ़ान आया हुआ है l मौषम वैज्ञानिको के अनुसार फेनी तूफ़ान का डेढ़ महीने बाद आने वाले मानसून के आगमन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा l अगर मानसून का आगमन पूर्वानुमान के अनुसार समय पर व सामान्य रहता है तो ग्वार की बीजाई कम होने  की उम्मीद है l क्योंकि किसान ग्वार की कम कीमतों से हतौत्साहित हो कर के खरीफ की दूसरी दलहन फसलो की बिजाई करेगा l जिससे आनेवाले उत्पादन वर्ष में ग्वार का उत्पादन इस वर्ष से और भी कम होगा l 




जो किसान ग्वार की बुवाई करना चाहते है वो एक बार गर्मियों ( मई-जून ) में अपने खेत की गहरी जुताई जरुर कर दे l गहरी जुताई करने से जमीं से फैलाब्ने वाले रोगों में कमी होगीl अगर किसी ग्वार के खेत में पीछली बार जड़ गलन की समस्या आयी हो तो उस खेत में ग्वार की नयी बिजाई की योजना न बनाये l किसान अपना ग्वार का बीज अभी से बुक करवाले या खरीद कर रख ले l ग्वार के बीजोपचार के लिए बावेस्टीन या कोर्बोडेज़िम दवाई जरुर खरीद ले l 

बाज़ार में ग्वार के भावों पर अभी अच्छे मानसून के पुर्वानुमान का दबाब चल रहा है। ग्वार की आवक बाज़ार में नहीं के बराबर है। इस महीने ग्वार के निर्यात से अलग ग्वार की मांग बीज के रूम में भी होगी। तकरीबन 30,000- 35,000 MT ग्वार की जरुरत बीज के रूप में रहेगी है। स्थानीय बाज़ारों में ग्वार के भाव 4300 रूपए प्रति क्विटल के आस पास चल रहे है तथा ग्वार गम के भाव 8900 प्रति क्विटल के आस पास चल रहे है



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