नवम्बर के आखिर सप्ताह में ग्वार व ग्वार गम के भावों में तेज़ी दर्ज की गयी थी । लेकिन पिछले सप्ताह में कच्चे तेल की गिरती हुई कीमतों के कारण ग्वार व ग्वार गम के भावों काफी गिरावट देखी गयी। कमोडिटी बाज़ार में शुक्रवार शाम तक कच्चे तेल के बढ़ते हुए उत्पादन के कारण ग्वार व ग्वार गम भावों में वापिस तेज़ी देखी गयी । शुक्रवार को ग्वार व ग्वार गम का व्यापार काफी मजबूती के साथ बंद हुआ। अमेरिका व ओपेक के बाकी देशों ने कच्चे तेल के उत्पादन को ईरान पर लगने वाले प्रतिबन्ध से पहले, कच्चे तेल की उपलब्धता बनाये रखने के लिए बढ़ा दिया है । जिससे की ईरान पर लगाने वाले प्रतिबन्ध के बाद बाकी देश कच्चे तेल के आयत को मांग के अनुसार जारी रख सके व कच्चे तेल की उपलबध्ता मांग के अनुसार बनी रहे ।अमेरिका का तेल उत्पादन फ्रेकिंग तकनीक पर आधारित है। जिसमे ग्वार गम भरी मात्रा काम में लिया जाता है। अक्टूबर के महीने में ओपेक देशों ने 3.3 करोड़ बैरल प्रतिदिन के हिसाब से कच्चे तेल का उत्पादन किया है । जो की दिसम्बरः 2016 के बाद सबसे ज्यादा है । कच्चे तेल की कीमतें ग्वार व ग्वार गम भावों के लिए सबसे महत्वपूर्ण फंडामेंटल कारक है लेकिन सभी परिस्थितियों में इसका प्रभाव एक जैसा नहीं होता । अभी कच्चे तेल की कीमतें बढे हुए उत्पादन की वजह से घट रही है । कच्चे तेल की मांग बाज़ार में अभी भी ज्यादा बनी हुई है ।
ग्वार सिर्फ एक तरह के प्रयोग में लाये जाने वाला कृषि उत्पाद नहीं है। यह एक बहुउद्देश्यी कृषि उत्पाद है । आने वाले भविष्य में ग्वार की मांग किसी भी उद्योग से बढ़ सकती है। तेल व प्राकृत गैस उत्पादन उद्योग ग्वार का उपयोग जारी रखेंगे । अभी अमेरिका व भारत के बीच में व्यापारिक मनमुटाव चल रहा है जिसके चलते अमेरिका ने भारत से मंगाई जाने 50 उत्पादों को ड्यूटी फ्री से बाहर कर के ड्यूटी लगा दी है । इस लिस्ट में ज्यादातर कृषि उत्पाद है । व्यापारिक मनमुटाव से भविष्य में ग्वार का निर्यात भी प्रभावित हो सकता है। खाद्य उत्पाद में काम में लिए जाने वाले ग्वार की मांग जारी है । ग्वार चुरी व ग्वार कोरमा की कीमतें अभी अपने उच्च स्तर पर बनी हई है।
इस साल ग्वार के उत्पादन के अनुमान पिछले सालो से कम है । बाज़ार के जानकार 60-70 लाख बोरी ( 100 किलो प्रति बोरी ) का उत्पादन मान एक चल रहे है । जो की पुरे साल की मांग के लिए प्रयाप्त नहीं है । दीवाली के समय पर ग्वार मांग अभी कम ही रहेगी । ज्यादातर फैक्ट्री में काम करने वाले दीवाली की छुट्टियों पर घर चले जाते है । दीवाली के समय होने कारण ग्वार की आवक भी बाज़ार में कम रहेगी । ग्वार की व्यापारिक गतिविधियां दीवाली की छुट्टियों के बाद बढ़ेगी । ग्वार की आवक बाज़ार में अभी भी कम ही है। बाज़ार में सट्टेबाज़ी सक्रिय है हाज़िर माल पर पकड़ बनाये रखे । व्यापारिक गतिविधि बढ़ने के साथ कीमते वापस चढ़ेगी । कमोडिटी बाज़ार में दिसम्बर महीने के चालू सौदों की संख्या में बढ़ोतरी रही है जो की एक अच्छा संकेत है ।
कच्चे तेल के बढ़ाते उत्पादन के कारण ग्वार व ग्वार गम दोनों कमोडिटी के भाव में तेज़ी बनी हुयी है । ऊँचे भावों पर हाज़िर माक के सौदों के कारण अगले सप्ताह भी ग्वार व ग्वार भावों में तेज़ी बनी रहेगी। अच्छी गुणवत्ता ग्वार 4600 रुपये प्रति क्विंटल के आस पास बिक रहा है । औसत गुणवत्ता वाला ग्वार 4500 रुपये प्रति क्विंटल के भाव में बिक रहा है। बाज़ार में मानक गुणवत्ता वाली ग्वार गम 10150 रुपये प्रति क्विंटल के भाव है । अंदरूनी इलाकों में ग्वार का भाव 4400 रुपये प्रति क्विंटल के आस पास है । वायदा बाज़ार में ग्वार के कारोबार में तेज़ी के साथ बंद हुआ । एनसीडीईएक्स (नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज लिमिटेड) में ग्वार बीज -10 एमटी के सौदे का कारोबार क्रमशः नवम्बर , दिसंबर व जनवरी माह के लिए 1.74 फीसदी या रूपये 79/100 किलो, 1.95 फीसदी या रुपये 90.5/100 किलो, 2.12 फीसदी या रुपये 99.5/100 किलो तेज़ी के साथ क्रमशः 4630, 4725, 4796 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर 58880, 109410, 7240 खड़े सौदों के साथ व्यवसाय बंद हुआ।
वायदा बाज़ार में ग्वार गम का कारोबार भी तेज़ी के साथ बंद हुआ । एनसीडीईएक्स (नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज लिमिटेड) में ग्वार गम 5 एमटी के सौदे का कारोबार नवम्बर, दिसंबर व जनवरी महीने के लिए 2.07 प्रतिशत या 206 रुपये /100 किलो, 2.06 प्रतिशत या रुपये 208/100 किलोग्राम, 2.4 प्रतिशत या रुपये 245/100 किलोग्राम तेज़ी के साथ 15680, 61400, 1215 खड़े सौदों के साथ कारोबार चालू है।
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